Url क्या है | what is url in hindi

दोस्तों यदि आप Google पर कुछ Search करते है और किसी Websites पर जाते है तब आप Websites के Address Bar में Url जरूर देखा होगा, या फिर आपने Url का नाम सुना होगा, लेकिन यदि आप Url के बारे में कुछ नहीं जानते या या फिर आप Url के बारे में आप विस्तृत जानकारी पाना चाहते है तो इस Article में बने रहे.यहाँ मैं आपको बताऊंगा की Url क्या है, Url का इतिहास क्या है, Url कैसे काम करता है. Url कितने प्रकार के होते है इत्यादि.

what is url in hindi


    Url का Full Form क्या है (what is the full form of url in hindi)

    Url का Full Form होता है Uniform Resource Locator, जो की किसी Web Page या Websites का Address होता है. जिसकी सहायता से हम किसी Web Pages पर पहुँच पाते है और Web pages में उपस्थित जानकारी को देख पाते है.

     

    Url क्या है (what is url in hindi)

    Url का Full Form Uniform Resource Locator होता है. Url एक Formated text string होता है, जो Internet पर उपलब्ध किसी Websites या Webpages का Unique Address या पता होता है, जिसकी सहायता से हम किसी Websites या Webpages को Access कर सकते है और Websites में उपस्थित Resources या जानकारी का पता लगा सकते है या देख सकते है, या जानकारी text, Graphics, audio, video , documents files इत्यादि कई Formate में हो सकता है .

    जीस तरह किसी घर, School या किसी Office का एक Unique पता होता है उसी प्रकार Internet की दुनिया में Url किसी Websites या Web pages का Unique पता होता है, जिसे Web Browser के Address Bar में Enter करने पर आप Directly किसी Websites या Webpages पर पहुँच सकते है . जैसे www.akbtechie.com एक Url है जिसे आप Browser के Address Bar में Enter करते है तो आप akbtechie Websites पर पहुँच जाते है .


    Url का इतिहास (History of Url in hindi)

    World Wide Web की खोज के बाद Url का अविष्कार Tim Berners-Lee और उनकी Team ने 90 के दशक में किया था, इसके साथ साथ Tim Berners-Lee ने HTTP, HTML का भी अविष्कार किया था . Tim Berners-Lee ने बताया की Url इंटरनेट पर उपलब्ध किसी भी Web Page को Unique Address या Location प्रदान करता है, जिसकी सहायतासे हम किसी Websites या Web Page पर पहुँच सकते है . Url की खोज करने का उद्देश्य था की सभी User को किसी Websites या Webpage पर पहुँचाने में आसानी हो .


    Url के भाग या घटक (URL parts or components in hindi)

    इंटरनेट पर उपलब्ध URL के कई भाग होते है, इसे आप निचे दिए गए उदाहरण से समझ सकते है, जो की एक Url है

    https://www.akbtechie.com/Data/Internet-kya-hai.html

    ->Protocol

    -> Seprator

    ->Sub Domain Name

    ->Domain Name

    ->Directories

    ->Resources

     

    ->Protocol 

    Protocol एक Set Of Rules होता है जिसका प्रयोग Digital Communication या Computer Network पर एक Computer से दूसरे Computer में Data Send और Receive करने के लिए किया जाता है. दिए गए उदाहरण में Https एक Protocol है जिसका Full Form Hyper text transfer Protocol secure है . Https का उपयोग Browser और server के बिच सुरछित Data Communication या फिर Browser और Server के बिच सुरछित Data Transfer के लिए किया जाता है. Https के साथ साथ Ftp, Telnet इत्यादि कई ऐसे Protocol है जिसका उपयोग Internet पर Browser और Server के बिच Data transfer करने के लिए किया जाता है .

    https://www.akbtechie.com/Data/Internet-kya-hai.html

    Protocol:- https

     

    ->Sub Domain Name

     निचे दिए गए Url के example में www एक subdomain name है , SubDomain Name आप www के स्थान पर कुछ और भी रख सकते है . Sub Domain Name Optional होता है इसका प्रयोग करना जरुरी नहीं होता है, बर्तमान समय में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला Sub Domain Name www है .

    https://www.akbtechie.com/Data/Internet-kya-hai.html

    Sub Domain Name:- www

     

    ->Domain Name

    Domain Name Server पर उपस्थित किसी Websites का पता होता है , जब भी कोई User किसी जानकारी को प्राप्त करने के लिए किसी Particular Domain Name को Web Browser के Address Bar में Enter करता है तो वह उस Websites पर पहुँच जाता है और वह उस जानकारी को देख पाता है . दिए गए Url में akbtechie.com एक Domain name है, यहाँ .com Domain Name का Extension है जो यह प्रदर्शित करता है की Websites किस प्रकार की है जैसे .Com Domain Extension commercial websites को प्रदर्शित करता है, .edu domain extension educational websites को प्रदर्शित करता है , .Gov domain extension government websites को प्रदर्शित करता है. हर website का domain नाम अलग होता है. बर्तमान समय में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला domain extension .com है .

    https://www.akbtechie.com/Data/Internet-kya-hai.html

    Domain Name:- akbtechie.com

     

    ->Directories

    किसी भी Url में directory को slash( / ) से अलग किया जाता है. Url में directory slash( /) के बाद उपस्थित होता है. कोई भी websites जो server पर hosted होती है उसमे उपस्थित folder को directory कहा जाता है, एक directory के अंदर कई subdirectory हो सकती है या बनाई जा सकती है. Directory या subdirectory के अंदर ही हमारा main resources होता है जिसे हम Web Browser में Search करते है जो की कोई Html Files, PHP Files, Jpg File, Audio Files, Video Files या फिर किसी और प्रकार की Files इत्यादि होती है .

    https://www.akbtechie.com/Data/Internet-kya-hai.html

    Directories:- Data

     

    ->Resources

    यह Url का सबसे अंतिम भाग होता है यह वास्तविक संसाधन होता है जिसे आप Web Browser में Search करते है . Resources अलग अलग तरह की Files होती है , सभी Files के अंत में Files का Extension दिया होता है जिससे Files का पता चलता की वह किस प्रकार की Files है . कुछ Files के Extension के नाम है .Html, ,.xml,.jpg,.png, .mp3,. mp4 इत्यादि

    https://www.akbtechie.com/Data/Internet-kya-hai.html

    Resources:- Internet-kya-hai.html

     

    Url के प्रकार (Types of Url in hindi)

    Url दो प्रकार के होते है

    ->Absolute Url

    ->Relative Url

     

    ->Absolute Url

    Absolute Url एक वास्तविक Url होता है जिसमे Resources मौजूद होता है. Absolute Url के माध्यम से आप Web Browser का उपयोग करके Url में उपस्थित Resources या जानकारी या Web Pages या Files को Excess कर सकते है . Absolute Url में इंटरनेट पर किसी Resources या Web Pages को Access करने के लिए सभी जानकारी उपस्थित होती है जोकि Protocol, Domain Name, Directories, Sub Directories , Resources या वास्तविक Files.

    Absolute Url में कोई गलती होने पर या कोई Word या Digits छूट जाने पर वास्तविक Resources या Web Pages तक नहीं पहुँच पाएंगे. निचे दिया गया Url एक Absolute Url है .

     

    ->Relative Url

    Relative Url एक वास्तविक Url नहीं होता है. Relative Url में सिर्फ File Path या File Location होता है , इसमें Domain Name सम्मिलित नहीं होता है, दूसरे शब्दो में कहे तो Relative Url में सिर्फ Directories और Resources(Files जैसे Html Page, Audio Files, Video Files, text Files इत्यादि) से मिलकर बना होता है, इसमें Domain Name सम्मिलित नहीं होता है. Absolute Url को छोटा करके Relative Url को बनाया जाता है. Relative Url का प्रयोग किसी Websites में उपस्थित Directories या Main Resources Excess करने के लिए किया जाता. जब हम Relative Url का प्रयोग करते है तब

    हमें Relative Url से पहले Protocol और Domain Name लिखने की जरूरत नहीं होती है क्योकि Resources या File Domain Name जीस Server पर Host होता है वहाँ उपलब्ध होता है.


    Url कैसे काम करता है (how urls work in hindi)

    दोस्तों Internet पर सभी Websites Server पर Host रहती है, और सभी Websites का अपना एक Unique IP Address होता है. इस Address की सहायता से हम किसी Websites पर पहुँच पाते है और Websites में उपस्थित जानकारी को Web Browser में देख पाते है .

    जब भी हम किसी Websites या किसी Url को Web Browser के Address Bar में Enter करते है, तो Web Browser Websites या Url को DNS(Domain Name System) की सहायता से IP Address में बदल देता है. फिर IP Address के द्वारा Web Browser Particular Server से Connection बनाता है जहां पर Websites Host रहती है, फिर Web Browser Server पर उपलब्ध जानकारी या resources को Web Browser में Show कर देता है. IP Address Numerical Digits में होता है. यदि आपको किसी Websites का IP Address पता है तो आप Web Browser के Address Bar में IP Address को Enter करके Directly उस Websites पर पहुँच सकते है .

    जब Domain Name का अविष्कार नहीं हुवा था तब  तब किसी भी websites को Excess करने के लिए User द्वारा IP Address का प्रयोग किया जाता था , लेकिन जब Websites की संख्या बढ़ने लगी तब IP Address को याद रखने में लोगो को काफी मुश्किल हो रही थी इसलिए Domain Name का अविष्कार किया गया जिसे आसानी से याद किया जा सकता था, Domain name के अविष्कार से किसी Websites को Excess करना काफी आसान और सुविधाजनक हो गया था .

     

    Url की विशेषताए (Feature of Url in hindi)

    -> Url किसी Websites या Webpages का Unique Address होता है जिसके माध्यम से आप किसी Websites या फिर किसी Webpages पर आसानी से  पहुँच पाते है. जब भी आप किसी Url को को Web browser के Address bar में enter करते है तो आप directly किसी किसी particular web pages या  websites  पर पहुँच जाते है, जो आपके Web browser में दिखता है .

    ->Internet पर उपस्थित सभी Websites या Web pages का Url अलग और Unique होता है .

    ->किसी भी Websites में उपस्थित सभी webpages को अलग करने के लिए Url का प्रयोग किया जाता

    ->किसी भी Websites का Url Protocol और Domain Name से मिलकर बना होता है जबकि किसी Web pages का Url Protocol, Domain name, directories, Sub Directories, Resources से मिलकर बना होता है .   

     

    निष्कर्ष (Conclusion)

    दोस्तों इस Article में मैंने Url के बारे में विस्तृत जानकारी दी है आशा करता हूँ इससे आपको यूआरएल के बारे में काफी कुछ सीखने को मिला होगा, दोस्तों यदि आपको ये Article पसंद आयी है तो इसे अपने दोस्तों के  साथ Share करे


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