Http क्या है | What is http in hindi

दोस्तों जब भी आप Google पर किसी विषय पर कुछ Search करते है तो google उस विषय  से सम्बंधित कई परिणाम आपके सामने दिखता है जब आप किसी एक Website पर Click करके  उस पर जाते है तो  आप अपने Browser के Address bar में आपने URL (Uniform Resource  Locator) को देखा होगा और उस URL से पहले Http या https लगा रहता है, दोस्तो यदि  आपके मन में यह सवाल उठ रहा है की http क्या होता है ,यदि आप ये जानना चाहते है की ये  http या https क्या होता है तो इस Article में बने रहिये 

यहाँ मैं आपको बताउंगा की ये http क्या है , http कैसे काम करता है ,http की विशेषताए क्या  है , http के उपयोग ,http status कोड क्या है

http kya hai

    Http क्या है

    ->http का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol है . Http एक Internet Protocol है  जिसका प्रयोग Web Browser(Client) और Web Server के बीच Data Send और Receive  करने के लिए किया जाता है

    ->Http एक Request Response Protocol है जो एक Standard नियम Provide करता है , जिसके माध्यम से Web Browser और Web Server एक दूसरे से Communicate करते है और  Data Transfer करते है ,डाटा कई Formate में हो सकता है जैसे text, audio,video ,images, Zip Files इत्यादि .

    ->Http एक Client Server Protocol है जो यह निर्धारित करता है की World wide web पर  कोई भी जानकारी Browser और Server के बीच कैसे Transfer होती है

     

    Http का इतिहास

    ->Http एक Hyper text transfer Protocol है, Http का अविष्कार Cern में काम करते हुवे  ब्रिटिश वैज्ञानिक Tim Berners-Lee और उनकी Team के द्वारा किया गया था.

    ->Http का पहला Version Http 0.9 था जिसे 1991 में  प्रदर्शित किया गया था . Http 0.9 एक  Simple Protocol था जो सिर्फ GET Method को Support करता था जिसके द्वारा किसी Data या text को Server से Browser पर प्राप्त किया जा सकता था .Http 0.9 का उपयोग करके प्रारम्भ में कई Web Browser और Server की शुरुआत की गई थी .

    ->Http 1.0 को 1992 में प्रदर्शित किया गया था . Http 1.0 में Get Method के साथ साथ POST और HEAD Method को भी सम्मिलित किया गया . इस Protocol में Request और Response के साथ Header Field और Caching को भी सम्मिलित किया गया . Http 1.0 में Content Type को जोड़ा गया जो Response में text के साथ media files जैसे Images,video इत्यादि उपलब्ध करवाता था .

    ->Http 1.0 में  Status Code को जोड़ा गया था जो यह जानकारी देता था की Server पर भेजा  गया Request सफल हुवा है या नहीं. Http 1.0 के आने से World Wide Web काफी प्रचलित  हुवा और इसके साथ साथ Internet भी काफी प्रचलित हुवा और इससे Internet का प्रयोग  करनेवालों में काफी विस्तार हुवा .

    ->Http 1.0 में कई सुधार किया गया था उसके बाद Http 1.1 में नए खूबियों को जोड़ा गया था, Http 1.1 को 1999 में जारी किया गया था,  Http 1.1 GET, POST, HEAD, PUT, DELETE, Patch, OPTIONS Method को Support करता था .Http1.1 में Continuous Connection, Faster Response की सुविधा प्रदान की गई थी बर्तमान समय में Http 1.1 आज सामान्य रूप में प्रयोग किया जाता है, 

    ->Http 2.0 को 2015 में प्रदर्शित किया गया था. जब बड़ी मात्रा में Resources को Retrieve करना होता था तब Http 1.0 अच्छी तरह Perform नहीं कर पाता था काफी Slow Perform करता था इस कमी को Http 2.0 में सुधारा गया . Http 2.0 में Request और Response Multiplexing को जोड़ा गया था जिससे Page Load में विलम्ब नहीं होता था,  Page Load काफी तेज और आसानी से होता था  .

    ->Http 3.0 को 2018 में जारी किया गया था . Http 3.0 Browser और Server के बीच Data Transmission करने के लिए QUIC (Quick UDP Internet connection) का प्रयोग करता है  जो की Google द्वारा विकसित किया गया एक Transport Layer Protocol है, इसके प्रयोग से Data transmission तेज , सुरछित होता है और User को बेहतर अनुभव प्राप्त होता है

     

    Http की विशेषताएं

    Http एक सरल और Powerful Protocol है, Http की कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित है।

    Simple Protocol:-Http एक साधारण Protocol है जिसे समझना और प्रयोग करना काफी आसान होता है।

    Connectionless Protocol:- Http एक Connectionless Protocol है, जिसमे Http Client (Web Browser) एक Http Request Web Server पर भेजता है उसके बाद Client Server से Disconnect हो जाता है और Web Server से Response का इंतजार करता है , Web Server Http Request को Process करता है और Http Client से फिर से Connect करता है और http Response भेज देता है उसके बाद Http Client Connection को Disconnect कर देता है। Connection बंद होने के बाद Client और Server एक दूसरे को भूल जाते है उन्हें एक दूसरे के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है। हर नए Request और Response के समय Client और Server एक दूसरे के लिए नए होते है।

    Stateless Protocol:- Http एक Stateless Protocol है क्यों की Server और Client सिर्फ बर्तमान में किये गए Request के समय एक दूसरे को जानते है, Request Complete होने के बाद Client और Server एक दूसरे को भूल जाते है। Protocol की इस प्रकृति के कारन तो Client और तो Server द्वारा किये गए Differnet Request की जानकारी को Web Pages पर बनाये रख सकते है।

    Media independent :-HTTP  एक Media independent Protocol है जो यह प्रदर्शित करता है की किसी भी प्रकार का Data या Media Content Http के द्वारा भेजा जा सकता है जब तक Client और Server दोनों इन Data को संभालना जानते हो। Client और Server दोनों के लिए Header में MIME Type का उपयोग करके Content type को प्रदर्शित करे

     

    Http का सामान्य बनावट

    Http एक Request Response Protocol है जो Client(Web Browser) Server Architecture  पर आधारित है . जहा Http Client एक Web Browser होता है और Http Server एक Server  होता है, जब Client कोई Request Server पर भेजता है तब Server उस Request को Process  करता है और Response को Client के पास भेज देता है .

    Http का सामान्य बनावट निम्नलिखित है .

    Client :-  Client किसी Data या जानकारी का Response पाने के लिए Server पर Request  भेजता है, Client Request को Http Method, URL, Protocol Version इत्यादि के साथ  भेजता है .

    Server :- Server Message Protocol और Success या Failure Error Code के साथ Response करता है उसके बाद MIME Message होता है, जिसमे Body Content, Server की  जानकारी इत्यादि होती है ।

     

    Http के घटक 

    Http के  घटक निम्नलिखित है

    Request Method:- request method आपके द्वारा Server पर किये गए Request की Type  को बताता है 

    Url:- Url आपके द्वारा Server पर किये जा रहे data या जानकारी का पता होता है .

    Request Header :- Request Header में Server पर भेजे गए Request की अतिरिक्त  जानकारी होती है .जोकि Accepted Language Type , Accepted Encoding Type, User Agent 

    Request Body :-  Request Body में Server पर Request के साथ Form Data ,Files ,जानकारी इत्यादि को भेजा जाता है .

    Response Header :-  Response Header में Server Client को जब Response भेजता है तो  उसमे अतिरिक्त जानकारी होती है जिसमे Content Type, Content Length इत्यादि की  जानकारी होती है  .

    Response Body  :-  Response Body में Client द्वारा Request किया गया data होता है जो की html,css,javascript,json,xml इत्यादि के रूप में होता है

    States Code:-   जब Client किसी जानकारी को पाने के लिए Server पर Request भेजता है  तब Server Response के साथ Status Code भी भेजता है, जिससे यह पता चलता है की Client द्वारा भेजा गया Request सफल हुवा है या नहीं, यदि सफल हुवा है तो 200 OK , यदि असफल  हुवा है 400 Error, इसके साथ साथ और भी कई प्रकार के Status Code होते है जो Server द्वारा  अलग अलग तरह के Response Resources या Internal Server Resources आने पर दिखता  है .

     

    Http कैसे काम करता है

    ->Http एक Protocol है जिसके माध्यम से client और Server एक दूसरे से Communicate  करते है और Data या किसी जानकारी को एक दूसरे के साथ Share करते है. Http एक Standard Rules पर कार्य करता है जिसके माध्यम से Client और Server एक दूसरे के साथ  डाटा Communication करते है .

    ->जब Client(Web Browser) किसी जानकारी या Data को पाने के लिए Server पर http  Request भेजता है तब Server उस Request को Process करता है उसके बाद उपयुक्त Data या जानकारी को Response के रूप में Client को भेज देता है, Server द्वारा Client को भेजा गया Response जो कोई Data या जानकारी होती है जो Text, Audio,Video, Html files इत्यादि  किसी भी प्रकार का हो सकता है जो हमारे वेब ब्राउज़र में दिखाई देता है.

    दोस्तों Http कैसे काम करता है इसे एक उदाहरण से समझते है .

    दोस्तों जब User को Internet पर कोई जानकारी लेना होता है तो वह किसी Websites पर जाता है और Websites पर जाने के लिए User पहले किसी Web Browser (जैसे Google Chrome,   Mozilla Firefox) को Open करता है, उसके बाद user Browser के Address बार में  Websites का URL(www.akbtechie.con) Enter करता है तो यह Request Server पर  जाने से पहले Domain name Server के पास जाता है Domain name Server Domain name (akbtechie.com) को Ip Address में बदल कर Web Browser को Send कर देता है इसके  बाद Browser Server को Request भेजता है फिर Server Browser द्वारा मिले Request को  Process करता है और Database से उपयुक्त Data निकालकर web Browser(Client) को  Send कर देता है जो User के Browser में Html Page के रूप में दिखाई देता है

     

    Http Status Code क्या है

    ->दोस्तों कभी कभी जब आप अपने Web Browser में किसी Websites को open करते है तो वो  Website Open नहीं होती है उसके जगह पर आपको एक Blank Page दिखाई देता है उस पर एक Message लिखा होता है  404 File Not Found जो Server द्वारा Browser को Response  के साथ भेजा जाता है .

    ->Http Status Code एक 4 Digits का Code होता है, जो किसी Websites के Server द्वारा Web Browser को भेजा जाता है ऐसा हर बार होता जब Web Browser Server को Request  भेजता है .

    ->Server द्वारा भेजा गया Response Status Code यह प्रदर्शित करता है की एक Http Request  सफलता पूर्वक पूरा हुवा है या नहीं .

    ->जब भी आप किसी Websites को Web Broweser (Client) के Address बार में Enter करते  है तब Web Browser उस Websites के Server पर एक Request भेजता है फिर Server  Request को Process करने के बाद 3 Digits Http Status Code के साथ Browser को  Response भेजता है जिसमे Http Status code यह बताता है की आपके द्वारा भेजा गया Request सफल हुवा है या नहीं .

     

    Http Status Code के प्रकार :-

    Http Status Code  499  प्रकार के  होते है, जीसे 5 भागो में वर्गीकृत किया गया है . Http  Status Code 3 अंको की संख्या होती है जिसमे पहला अंक Http Response के वर्ग को प्रदर्शित  करता है और अंतिम दो अंक उस वर्ग  मे उपस्थित विशिस्ट प्रकार के Error को प्रदर्शित करता है.

     

    (1)->Satus Code 1XX(100 to 199)(Informational)

    (2)-> Satus Code 2XX (200 to  299)(Successful)

    (3)-> Satus Code 3XX (300 to 399)(Redirectional)

    (4)-> Satus Code 4XX (400 to 499)(Client Side Error)

    (5)-> Satus Code 5XX (500 to 599)(Server Side Error)

     

    (1)->Satus Code 1XX(100 to 199)(Informational)

    1XX से शुरू होने वाले Http Status कोड को Informational Status Codes कहा जाता है ,  जो यह बताता है की Client द्वारा भेजा गया Http Request Server को मिल गया है और Server द्वारा इस Request को आगे Process किया जा रहा है .

     

    (2)-> Satus Code 2XX (200 to  299)(Successful)

    2XX से शुरू होने वाले Satus Code को Successful Satus Code कहा जाता है . 2XX Satus Code ये बताता है की Client(Web Browser) द्वारा Server पर भेजा गया Request बीना किसी  Error के Successfully Complete हो चूका है, और Web Server ने Request को Process  करके Client(Web Browser) को Response Return कर दिया है

     

    (3)-> Satus Code 3XX (300 to 399)(Redirectional)

    3XX से शुरू होने वाले Status Code URL Redirectional Code कहा जाता है . 3XX Status  Code यह बताता है की Client द्वारा Server पर भेजे गए Request को Server ने किसी और  Url पर Redirect कर दिया है और Client को Response पाने के लिए एक और Steps लेना  होगा

     

    4)-> Satus Code 4XX (400 to 499)(Client Side Error)

    4XX से प्रारम्भ होने वाले Satus Code Client Side Error को प्रदर्शित करते है .  4XX Status Code यह बताते है की Client द्वारा Server पर भेजे गए Request में किसी Error की वजह से  Server इस Request को पूरा नहीं कर पाता जिस वजह से Server Requested Resources को  Client को Return नहीं कर पाता है . या फिर Client ने  Server से जिस पेज के लिए Request  किया है उस पेज को Server से Delete कर दिया गया है .

     

    (5)-> Satus Code 5XX (500 to 599)(Server Side Error)

    5XX से शुरू होने वाले Satus Code Server Side Error को प्रदर्शित करते  है  . 5XX Satus Code ये बताता है की Client द्वारा Server पर भेजा गया Request बिल्कुल सही है, लेकिन server में कोई Error या कोई समस्या होने की वजह से Server Client की Request को पूरा नहीं कर  पाया है .

     

    Http के फायदे 

    -> Http एक Simple Prtotocol है,  Http का Interface और Function काफी आसान है,  Http को काफी आसान और User के Read करने योग्य बनाया गया है, User इसे आसानी से  उपयोग कर सकता है . Http message को user द्वारा आसानी से पढ़ा और समझा जा सकता है

    ->Http Protocol में Client द्वारा भेजे गए Request का Response Error code के साथ दिया जाता है जिससे user error को आसानी से समझ लेता है उसे solve कर लेता है।

    -> Http एक Platform Independent Protocol है इसलिए इसका उपयोग आप किसी भी  Operating system जैसे window ,mac, linux  इत्यादि पर किसी भी web browser जैसे   google chrome , mozilla firefox, Internet Explorer इत्यादि पर कर सकते है

    ->Http एक Flexible Protocol है, इसका उपयोग एक दूसरे के साथ Email भेजने, Web  Browsing करने जैसे Google पर कुछ Search करने, Online Video देखने, Online किसी  File जैसे Text, Audio, Video को एक जगह से दूसरी जगह भेजने, इत्यादि के लिए कर सकते  है

    ->Http एक Stateless  Protocol है क्योकि यहाँ प्रत्येक Request और Response स्वतंत्र होते है एक दूसरे पर और पिछले Request और Response पर निर्भर नहीं होते है .Http Protocol में  प्रत्येक Request या Response के बाद Web Server से Connection Close हो जाता है इससे Server पर ज्यादा Load नहीं पड़ता है जिससे Internet की Speed कम नहीं होती है. Http के  माध्यम से एक ही Connection के द्वारा कई Request या Response को एक साथ भेजा जा सकता है

    ->Http 2.0 में काफी नए Features को Add किया गया है जो user को कम Network Latency के साथ ज्यादा बेहतर प्रदर्शन प्रदान करता है

     

    Http के नुकसान

    ->Http एक Insecure Protocol है, क्योकि Http में किसी भी Encryption Method का प्रयोग  नहीं किया गया है जिससे जब भी आप किसी Web Browser के माध्यम से किसी Websites पर  Visits करते है तो Web server से web browser पर या web browser से web server पर  data transfer होते समय कोई third party या कोई user या फिर hackers उस data को रोक सकता है, उसे देख सकता है, उसे पढ़ सकता है उस data को change कर सकता है, data  को hack कर सकता है .

    ->http protocol  का प्रयोग करना सुरछित नहीं है , http connection में security का अभाव है, यदि कोई user किसी ऐसी website पर visits करता है जो http connection का प्रयोग  करता है तो यदि hacker web browser से server पर भेजे गए data को यदि रोक लेता है तो  वह सभी जानकारी को देख सकता है, इसके साथ साथ वह finencial data, user name, password जैसी confidential जानकारी को भी देख सकता है और उसको change कर सकता है या उसका misuse कर सकता है, ये user के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है

    ->http में error handling capability सिमित होती है जिस वजह से web pages में उपस्थित error को find करना और उसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है 

    ->http protocol real time communication के लिए build इन support Provide नहीं करता है

    ->Http big data transfer के लिए प्रयाप्त समर्थन उपलब्ध नहीं करता है, बड़ी मात्रा में data,big files, या high quality hd video, video को transfer करते समय http काफी slow हो  सकता है

    ->Web Browser से Web Server तथा Web Server से Web Browser में Connection  स्थापित  करने और data transfer करने के लिए Http ज्यादा Resources का प्रयोग करता है जिसके  लिए Http को ज्यादा Power की जरुरत होती है

    ->Http में Client(Web Browser) जब Server पर Request भेजता है तब Client को जब तक  Server से Response या Data प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक Client Connection Close नहीं  करता है इस प्रक्रिया के समय Web Server किसी और Client के लिए उपलब्ध नहीं हो पाता है  .

    निष्कर्ष

    दोस्तों इस Article में मैंने Http के बारे में विस्तृत जानकारी दी है , आशा करता हु दोस्तों इस Blog पोस्ट से आपको Http क्या है ,Http कैसे काम करता है इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी मिली है। दोस्तों यदि आपको ये Articles पसंद आयी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ Share करे और इस articles से सम्बंधित आपके मन में कोई सवाल है तो उसे comment करे।


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